उत्तर प्रदेश में मिला सोने का भंडार
- ↦ सोन पहाड़ी में 3000 टन और हरदी क्षेत्र में 646.15 टन सोने का भंडार होने का अनुमान
↦2005 में जीएसआई द्वारा किया गया दावा सही निकला, जियो टैगिंग के लिए 7 सदस्यीय टीम गठित.
सोनभद्र. उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले की सोन पहाड़ी में 2700 टन सोना और हरदी क्षेत्र में 646.15 टन सोने का भंडार होने का अनुमान व्यक्त किया गया है। भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। इस बीच इतनी बड़ी मात्रा में सोना पड़े होने के अनुमान के बाद यहां के लोग आश्चर्यचकित हैं। यहां के लोगों के बीच अब अब इस बात पर बहस छिड़ गई है कि सोन पहाड़ी और इसके आसपास के इलाके में रहने वाले लोगों को इसका कितना लाभ मिलेगा। क्या उनकी गरीबी दूर होगी या खनन के दौरान रोजगार मिलने से इनकी सेहत में सुधार आएगा। वहां के लोगों से बातचीत के दौरान यह बात सामने आई कि अभी तक यह इलाका पूरी तरह से पिछड़ा हुआ है और बुनियादी सुविधाओं का भी आभाव है। लेकिन लोगों को लग रहा है कि आने वाले दिनों में यह इलाका भी मरकुंडी पहाड़ी की तरह पर्यटन क्षेत्र के तौर पर विकसित होने में कामयाब रहेगा और लोगों के जीवन स्तर में सुधार आएगा।
सोने के निकलने के दौरान बाहरी लोगों के आने जाने से तमाम रोजगार सृजित होगा। ग्रामीणों आदिवासियों को रोजगार मिलेगा। बाहरी लोगों से अगल बगल के गांव के लोगों को शिक्षित होने का मौका मिलेगा।
वाराणासी से कनेक्ट करके दोनों स्थानों को बड़ा हब बनाया जा सकता है।' सरकार को चाहिए बड़े कॉलेज और संस्थानअ बनाया जाना चाहिए। शोध सेंटर माउंटेन को लेकर बने। शिक्षा को स्तर को बढ़ाया जाए।
औषधीय पौधों से बनी जड़ी बूटियों को बेंचकर आदीवासी करते हैं जीवन-यापन.
पहाड़ पर रहने वाले लोगों के आजीविका का साधन औषधीय पौधे हैं। सूखी लकड़ी की बिक्री से लगायत तेंदू पत्ता, चिरौजी की बिक्री कर यह पेट पालते हैं। पशुपालन जीवन की रवानी है। इसके अलावा अन्य हर्रा- बहेड़ा आदि दवा के तौर पर आकर बिक्री करते हैं। चोपन ब्लाक का यह इलाका घने जंगलों से आच्छादित है। सोन पहाड़ी बरबस अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। स्थानीय लोगों के अनुसार अंग्रेज अफसरों ने भी सोने की चाह में कई बार खुदाई करायी थी। अंग्रेज अफसरों ने ही इस पहाड़ी का नाम सोना पहाड़ी रखा था।
सोनभद्र को वीर लोरिक की कथाओं से जिले को जाना जाता है। अब सोने के भंडारण के नाम से दुनियां में विख्यात हो रहा है। निश्चित तौर पर बाद में लोग पर्यटन के तौर में उन स्थानों को जरूर देखने आएंगे, जहां से सैकड़ों टन सोना निकलेगा। लेकिन दूसरा पहलू यह है कि रिहंद बांध निर्माण के समय भी लोगों को बहुत बड़े-बड़े सपने दिखाए गए थे, लेकिन उनके साथ क्या हुआ सबको पता है। इस बार ऐसा नहीं होना चाहिए।
मारकुंडी पहाड़ी और कनहर नदी है पर्यटन के लिए मशहूर
सोनभद्र में दो मुख्य पर्यटन स्थल है। पहला अबारी गांव जहां कनहर नदी घुटनों तक पहाड़ी के बीच बहती है। पिकनिक स्पॉट के लिए लोगों की यहां काफी भीड़ लगती है। दूसरा स्थान मारकुंडी पहाड़ी पर है। यहां लोग वीर लोरिक के वो पत्थर देखने जाते हैं, जिसे लोरिक ने तलवार से दो टुकड़ों में कर दिया था। यहां से नीचे गांव बस्ती का नजारा भी दिखता है। यहां के गांवों में ज्यादतर लोग कृषि पर निर्भर हैं।आदिवासी लोग ज्यादेतर खेती ही करते हैं। कुछ लोग मवेशी पालन भी करते हैं। बिजली पहाड़ो पर बसे गांवो में पहुंची जरूर है लेकिन रहती कम है। कुछ स्थानों पर पानी के लिए लोग नदियों का इस्तेमाल करते हैं।
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